44 राष्ट्रिय शिक्षक अवार्ड-2021 विजेता शिक्षकों के नाम । शिक्षक दिवस 2021 पर विशेष। शिक्षक दिवस क्यों मानते हैं ? राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार विजेता 2021

 Teacher’s Day-2021 शिक्षक दिवस कब है: हर वर्ष 05 सितंबर

Teacher's Day 2021
शिक्षक दिवस (Teacher’s Day 2021) क्यों मानते हैं ?: गुरुजनों/अध्यापकों/शिक्षकों को विशेष रूप से समर्पित एक दिन है 05 सितंबर इस दिन भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति एवं प्रथम उप-राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्ण सर्वपल्ली का जन्म दिवस होता है । उनके द्वारा शिक्षा जगत में किए गए कार्यों को देखते हुए जब बच्चों ने और उनके अभिभावकों ने  उनसे उनका जन्म दिवस मनाने का आग्रह किया तो उन्होने इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की बात कही । और सन 1962 से लेकर हर वर्ष 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस के रूप मनाने की परंपरा चालू हो गयी । डॉ. राधाकृष्ण सर्वपल्ली को शिक्षा के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों को लेकर भारत के विशिष्ट नागरिक समान्न भारत रत्न से भी नवाजा जा चुका है ।  पूरे भारतवर्ष में हर वर्ष 5 सितम्बर के दिन को शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) के रूप में मनाया जाता है कई विद्यालयों में शिक्षक दिवस के दिन विभिन्न प्रकार के आयोजन होते है जैसे बच्चों की खेल प्रतियोगिताएं , प्रश्नोतरी, गायन, लेखन प्रतियोगिता कविता लेखन और पठन प्रतियोगिता आदि और कई जगहों पर इस दिन की विद्यालयों की छूट्टी रहती है ।www.singhblog.co.in #SinghBlog शिक्षक दिवस के दिन भारत सरकार और राज्य सरकारों के द्वारा श्रेष्ठ शिक्षकों को समान्नित भी किया जाता हैं । हर देश में अलग -अलग दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता हैं । 

राष्ट्रिय शिक्षक पुरस्कार -2021 (National Teachers Award 2021): शिक्षक दिवस के दिन यानि 5 सितंबर को हर वर्ष कुछ बेहतरीन शिक्षकों को उनके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए बेस्ट कार्यों के लिए राष्ट्रिय शिक्षक पुरस्कार से नवाजा जाता है । ये पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति के द्वारा दिया जाता है। इस वर्ष 2021 के लिए पूरे भारतवर्ष से 44 शिक्षकों को चुना गया है , सभी शिक्षकों का नाम और पद,  स्कूल का नाम और स्थान नाम निम्न अनुसार हैं :

1.       ममता पालीवाल, व्याख्याता जीजीएसएसएस भिवानी, हरियाणा

2.       कमल किशोर शर्मा, प्रधानाचार्य राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, कंडाघाट, हिमाचल प्रदेश

3.       जगतार सिंह, शिक्षक शासकीय प्राथमिक विद्यालय, खमानो, फतेहगढ़ साहिब, पंजाब

4.       विपिन कुमार, वाइस प्रिंसिपल राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय, दिल्ली

5.       दीपक जोशी, शिक्षक सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, दांडूसर, राजस्थान

6.       जयसिंह, वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, देवरोड, राजस्थान

7.       वनिता दयाभाई राठौड़, प्राचार्य श्री विनोबा भावे स्कूल, राजकोट, गुजरात

8.       अशोक कुमार मोहनलाल परमार, शिक्षक हितेन ढोलकिया विद्यालय, भुज, गुजरात

9.       शक्ति पटेल, माध्यमिक शिक्षक सरकारी हाई स्कूल, मंडला, मध्य प्रदेश

10.   हरिदास शर्मा, कार्यवाहक प्रधान शिक्षक आर.के.एम.एस., रामगढ़, बिहार

11.   चंदना दत्ता, शिक्षक एम.एस. रांटी गवर्नमेंट स्कूल, मधुबनी, बिहार

12.   अशोक कुमार सत्पथी, शिक्षक जिला सरकारी स्कूल, ओडिशा

13.   अजीत कुमार सेठी, कार्यवाहक प्रधान शिक्षक, सरकार यूपीएस कानमाना, ओडिशा

14.   हरिस्वामी दास, प्रधान शिक्षक सोवानगर हाई स्कूल, मालदा, पश्चिम बंगाल

15.   संजीव कुमार शर्मा, शिक्षक सरकारी प्राथमिक विद्यालय, रियासी, जम्मू और कश्मीर

16.   मुहम्मद अली, कार्यवाहक प्रधान शिक्षक सरकारी मध्य विद्यालय, कारगिल, लद्दाख

17.   तृप्ति महौर, शिक्षक राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, रामपुर, उत्तर प्रदेश

18.   मनीष कुमार, शिक्षक जूनियर हाई स्कूल, शिवगंज, उत्तर प्रदेश

19.   सुरुचि गांधी, प्रिंसिपल बाल भारती पब्लिक स्कूल, द्वारका, दिल्ली

20.   अचला वर्मा, शिक्षक बिरला बालका विद्यापीठ, झुंझुनूं, राजस्थान

21.   मैथ्यू के थॉमस, शिक्षक सैनिक स्कूल, तिरुवनंतपुरम

22.   प्रमोद कुमार शुक्ला, व्याख्याता एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय, बस्तर, छत्तीसगढ़

23.   फैसल एस एल, टीजीटी (लाइब्रेरियन) केन्द्रीय विद्यालय पट्टम, केरल

24.   डूडा सोरा, प्रधानाध्यापक शासन उच्च प्राथमिक एपीपी कॉम्प्लेक्स, अरुणाचल प्रदेश

25.   स्वीडनसुनुओ ज़ाओ, प्रधान शिक्षक जीएमएस जखामा, नागालैंड

26.   निंगमारियो शिमरे, व्याख्याता उखरुल हायर सेकेंडरी स्कूल, मणिपुर

27.   प्रेम दास छेत्री, शिक्षक सर टीएन सीनियर सेकेंडरी। स्कूल, गंगटोक, सिक्किम

28.   मिंगमा शेरपा, प्रधान शिक्षक लुम प्राइमरी स्कूल, सिक्किम

29.   जैसिंटा वनलालेंगजामी, हेड टीचर ए और एम ग्रैंडचाइल्ड स्कूल, मिजोरम

30.   सिब शंकर पाल, प्रधान शिक्षक पांडबपुर हाई स्कूल, त्रिपुरा

31.   कंगकन किशोर दत्ता, शिक्षक बामुनपुखुरी हाई स्कूल, असम

32.   बिनांदा स्वार्गियारी, शिक्षक के बी देउलकुची, एच एस स्कूल, बक्सा, असम

33.   मनोज कुमार सिंह, शिक्षक हिंदुस्तान मित्र मंडल मिडिल स्कूल, झारखंड

34.   प्रसाद मणप्पारम्बिल भास्करन, प्रधान शिक्षक जी.एल.पी.एस. वरवूर, केरल

35.   कोनाथला फणी भूषण श्रीधर, शिक्षक जिला परिषद हाई स्कूल, आंध्र प्रदेश

36.   एस मुनि रेड्डी, शिक्षक जेड पी हाई स्कूल, चित्तूर, आंध्र प्रदेश

37.   रंगैया कादरला, कार्यवाहक हेड मास्टर एमपीपीएस सावरखेड़ा, तेलंगाना

38.   रामास्वामी पय्यावुला, प्रधान शिक्षक जिला परिषद हाई स्कूल इंदिरानगर, तेलंगाना

39.   नागराजा सी एम, शिक्षक सरकारी हाई स्कूल, बैंगलोर, कर्नाटक

40.   आशा देवी के, प्रधान शिक्षक पंचायत यूनियन मिडिल स्कूल, तमिलनाडु

41.   ललिता डी, हेडमिस्ट्रेस गवर्नमेंट गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल, इरोड, तमिलनाडु

42.   खुर्शीद कुतुबुद्दीन शेख, शिक्षक जे.पी. उच्च प्राथमिक विद्यालय, गढ़चिरौली, महाराष्ट्र

43.   उमेश रघुनाथ खोसे, शिक्षक जे.पी.पी.एस. जगदंबनगर, महाराष्ट्र

44.   जयसुंधर वी, शिक्षक सरकारी मध्य विद्यालय, पुडुचेरी

सभी चयनित शिक्षकों को हमारी पूरी टीम की ओर से बहुत –बहुत बधाई !

गुरु महत्व :  शिक्षक का हमारे जीवन में विशेष महत्व होता है । हम अपने विध्यार्थी जीवन में शायद उन मूल्यों को उतना नही जान पाते जितना जब हम बड़े हो जाते है या हम इस काबिल हो जाते हैं जहां से हम तुलना कर सकें तब पता चलता है के हमें जो शिक्षा हमारे गुरुओं से मिली है उसका कितना महत्व है ।  जैसे कहा भी गया है :

गुरु कुम्हार शीश कुम्भ है , गढ़ –गढ़ काढ़े खोट

अंतर हाथ सहार दे , बाहर मारे चोट II

      यानि गुरु वो हस्ती है जो हमें पूरी तन्मयता/मेहनत से तराशता है, जैसे कुम्हार अपने घड़े को बनाते वक्त उसमें एक हाथ अंदर डाल कर उसको सहारा देता है और दूसरे हाथ से उसे आराम –आराम से पीटते हुए उसे घड़े का आकार देता  है । उसी प्रकार गुरु भी हमें जब हम गलतियाँ करते हैं तो हमे डांटे भी हैं और हमें शिक्षा देते है और हमारे अच्छे -बुरे का बोध भी कराते हुए हमे शिक्षित और सभ्य बनाते हैं   #SinghBlog

टीचर डे images
गुरु गोबिन्द दोऊ खड़े काके लागू पाये, बालहारी गुरु आपने गोविंद दियो मिलाय॥“

      जैसा की इस पंक्ति में कबीरदास जी ने भी कहा है के एक ऐसी स्थिति है जिसमे सामने गुरु भी खड़े है और गोविंद यानि भगवान भी खड़े हैं तो मुझे पहले किसके पाँव छूने चाहिए । तो इसमे कबीरदास जी बताते है के मैं पहले गुरु के पाँव को छूऊंगा क्योंकि गुरु के माध्यम से ही मुझे गोविंद यानि भगवान की प्राप्ति हुई है । यदि गुरु नही होते तो वो भगवान तक पहुँच ही नही पाते । इसी प्रकार हमे जो ज्ञान/शिक्षा प्राप्त होता है वो हमे अपने गुरुओं /शिक्षकों के माध्यम से प्राप्त होता है अतः हमे अपने गुरुओं का हमेशा आदर करना चाहिए।

      इनहि सब बातों के साथ आप सभी को शिक्षक दिवस / अध्यापक दिवस  की बहुत –बहुत बधाई । यदि आपको ये लेख अच्छा लगा हो तो आगे जरूर share करें । #SinghBlog

 

 

 

Charan Singh

Working with professional groups since 2009 to till date.

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