आइये जानते हैं “रामसर संधि/अभिसमय” के बारे में, रामसर संधि क्या है? रामसर वेटलैंड कन्वेशन संपूर्ण जानकारी !

 आइये जानते हैं “रामसर संधि/अभिसमय” के बारे में, रामसर संधि क्या है?  What is Ramsar Wetland Convention in Hindi?  #SinghBlog


रामसर wetland संधि क्या है? : रामसर संधि विश्वभर की आद्रभूमियों विशेषकर जलप्रवाही पशु- पक्षियों के प्राकर्तिक आवास से संबन्धित (convention) संधि है । इस संधि का मुख्य कार्य विश्व की आद्रभूमियों के धारणीय प्रयोग और संरक्षण को सुनिश्चित करना हैं। आद्रभूमि यानि वो क्षेत्र या भूभाग जहां वर्ष में कम से कम आठ महीने तक पानी भरा रहे । वर्तमान में संयुक्त राज्य के फ्लॉरिडा राज्य का इवरग्लेंड्स सबसे बड़ा आद्रभूमि क्षेत्र है । रामसर सूची का उद्देश्य इनहि आद्रभूमियों के एक अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क का विकास और रखरखाव करना है। ये आद्रभूमियों वैश्विक जैवविविधता के संरक्षण के साथ साथ मानव जीवन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं । वास्तव में आद्रभूमि वह स्थान होता है जो मीठे पानी का एक बड़ा स्त्रोत होता है ओर ये वर्षा के जल को सोखने ओर जल चक्र को जीवित रखने में मदद करता है । इस संधि के द्वारा विश्व स्तर पर जैवविविधता में हो रहे परिवर्तनों का सम्मिलित समवेशी प्रयासों के द्वारा प्रबंधन ओर नियमन करना है ।

रामसर संधि/सूची /अभिसमय की शुरुवात : अभी जैसे हमने जाना के रामसर संधि  क्या है इसके मुख्य कार्य क्या हैं ? अब हम जानेगें के रामसर संधि की शुरुवात कब ओर कहाँ से हुई इसकी शुरुवात 2 फरवरी 1971 में  ईरान देश के रामसर शहर से हुई लेकिन ये संधि प्रयोग में 21 दिसंबर 1975 से आई। अद्रभूमियों के संरक्षण को लेकर हुए सम्मेलन में प्रतिभागी राष्ट्रों ने convention /संधि पर हस्ताक्षर कर इसकी शुरुवात की । क्योंकि इस संधि का मेजबानी ईरान के पर्यावरण विभाग द्वारा की गयी ओर ये संधि रामसर शहर में हुई थी इसीलिए इसका नाम रामसर संधि हो गया।

भारत के चार ओर स्थानो को रामसर संधि में जगह मिली: भारत के 4 (चार) ओर नए स्थानो को रामसर सूची में जगह मिल गयी है ओर अब भारत के कुल 46 जगहें रामसर सूची में शामिल हैं :  

·         भिंडवासा वन्यजीव अभ्यारण, हरियाणा – ये एक मानवनिर्मित मीठे पनि वाली आद्रभूमि है यहाँ विश्व के 250 से अधिक प्रजाति पक्षी विश्राम ओर प्रजनन करते हैं।  इनमे विशेष हैं मिस्त्र के लुप्तप्राय गिद्ध, स्टेपी ईगल, पलास मछली के साथ –साथ दस से अधिक ऐसी प्रजाति के पक्षी हैं जो लुप्तप्राय हैं यानि जिन पक्षियों की आबादी लगभग खतरे में है ।

·         सुल्तानपुर राष्ट्रिय उध्यान , हरियाणा – भारत के हरियाणा राज्य का सुल्तानपुर राष्ट्रिय उध्यान भी इसी प्रकार 220 से अधिक जलपक्षियों की प्रजातियों के संरक्षण का कार्य कर रहा है इसमे मिस्त्र के गिद्ध, पलास मछली, सेकर फाल्कन जैसी दुर्लभ हो चुकी प्रजातियों का संरक्षण किया जा रहा है ।

·         वाधवाना वेटलेंड, गुजरात – गुजरात राज्य में स्थित वधवाना वेटलेंड या आद्रभूमि लगभग 80 से अधिक लुपप्राय वन्य प्राणियों को आश्रय ओर संरक्षण प्रदान करने का कार्य करता है । इसमे मुख्य रूप से संकटग्रस्त – डोलमेटियन पेलकिन , भूरे सिर वाली मछली, ईगल ओर फेरुगिनस बतख आदी शामिल हैं ।#SinghBlog

·         थोल झील वन्यजीव अभ्यारण, गुजरात – गुजरात की थोल झील भी विश्व के लगभग 320 से अधिक पक्षियों की प्रजातियों के संरक्षण का कार्य करती है । इसमे सफ़ेद पंख वाले गिद्ध, मिलनसार टिटहरी, सारस, बतख़ें ओर सफ़ेद हंस शामिल हैं ।#SinghBlog

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के इन चार नयी आद्रभूमियों को रामसर संधि में शामिल होने की सूचना व बधाई संदेश अपने ट्विटर के द्वारा देशवासियों को दिया । इन चार नए स्थानो को रामसर सूची में जगह मिलने के साथ ही अब भारत के कुल 46 स्थान रामसर सूची में आ चुके हैं । पिछले 44 स्थान जो की रामसर सूची में शामिल हैं के नाम निम्न अनुसार हैं :

Ø  कोलेरू झील – आंध्रा प्रदेश

Ø  गहरा बिल – असम

Ø  नालसरोवर पक्षी अभ्यारण – गुजरात

Ø  चन्द्रताल वेटलेंड – हिमाचल प्रदेश

Ø  पोंग बांध – हिमाचल प्रदेश

Ø  रेणुका झील – हिमाचल प्रदेश

Ø  होकेरा वेटलेंड- जम्मू कश्मीर

Ø  सुरिंसार- मानसर झीलें – जम्मू कश्मीर

Ø  त्सो मोरीरी – लद्दाख

Ø  वुलर झील – जम्मू कश्मीर

Ø  अष्टमुडी – केरल

Ø  सस्थमकोट्टा झील – केरल

Ø  वेंबनाड – केरल

Ø  भोजवेटलेंड – भोपाल, मध्य प्रदेश

Ø  लोकतक झील – मणिपुर

Ø  भीतरकनिका मैंगरो- ओड़ीशा

Ø  चिलिका झील – उड़ीसा

Ø  हरिके झील – उड़ीसा

Ø  कंजली झील – पंजाब

Ø  रोपड़ – पंजाब

Ø  सांभर झील – राजस्थान

Ø  केवलदेव राष्ट्रिय उध्यान – राजस्थान

Ø  पॉइंट केलेमेरे वन्यजीव ओर पक्षी अभ्यारण – तमिलनाडु

Ø  रुद्रसार झील – त्रिपुरा

Ø  ऊपरी गंगा नदी , ब्रजघाट – उत्तर प्रदेश

Ø  पूर्व कलकता वेटलेंड – पश्चिम बंगाल

Ø  सुंदर वन डेल्टा – पश्चिम बंगाल

Ø  नंदूर मधेशवर, नासिक – महाराष्ट्र

Ø  केशोपुर मिआनी कम्यूनिटी रिजर्व – पंजाब

Ø  व्यास संरक्षण रिजर्व – पंजाब

Ø  नांगल वन्यजीव – रूपनगर, पंजाब

Ø  सांडि पक्षी अभ्यारण – हरदोई, उत्तर प्रदेश

Ø  समसपुर पक्षी अभ्यारण, रायबरेली, उत्तर प्रदेश

Ø  नवाबगंज पक्षी अभ्यारण- उन्नाव, उत्तर प्रदेश

Ø  समन पक्षी अभयरन- मैनपुरी, उत्तर प्रदेश    

Ø  पार्वती अरगा पक्षी अभ्यारण – गोंडा, उत्तर प्रदेश

Ø  सरसाई नवर झील – इटावा, उत्तर प्रदेश

Ø  आसान रिजर्व

Ø  कबर ताल – बिहार

Ø  लोनार झील – महाराष्ट्र

Ø  सुर सरोवर – आगरा

Ø  त्सो कर लेक – लद्दाख

कुछ मुख्य बातें :

      रामसर संधि हस्ताक्षर – 2 फरवरी 1971

      स्थान – ईरान का रामसर

      प्रभाव में कब से – 21 दिसंबर 1975

      समिलित देशों की संख्या – 171

      रामसर में भारत कब शामिल हुआ – 01 फरवरी 1982

      सबसे बड़ा आद्रक्षेत्र - संयुक्त राज्य के फ्लॉरिडा राज्य का इवरग्लेंड्स

आप अपने कमेंट के माध्यम से हमें बताएं के आपके आस –पास के क्षेत्र में इनमें से कौन-सा रामसर संधि स्थान आता हैं। इस लेख को पढ़ने के लिये आपका धन्यवाद, आशा है के ये जानकारी आप सब को पसंद आई होगी । #SinghBlog           

Charan Singh

Working with professional groups since 2009 to till date.

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