विश्व का सबसे बड़ा प्रिलिंग टावर वाला खाद कारख़ाना- गोरखपुर, जाने क्या है खास बातें !

 विश्व का सबसे बड़ा प्रिलिंग टावर वाला खाद कारख़ाना- गोरखपुर, आइये जानते है टावर की क्या है खास बातें ! 

प्रिलिंग टावर वाला खाद कारख़ाना, गोरखपुर : विश्व का सबसे बड़ा प्रिलिंग टावर वाला खाद कारख़ाना अब भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर में बन कर तैयार है । जिसकी ऊंचाई 149.2 मीटर (490.48 फीट) है । विश्व में इतना ऊंचा टावर कहीं नही है । मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ये कारख़ाना रिकॉर्ड समय में बन कर तैयार हुआ है । ये कारख़ाना लगभग 80 के दशक में बंद हो गया था लेकिन स्थानीय लोगों के द्वारा बार –बार मांग किए जाने पर इसे फिर से नयी तकनीकी का इस्तेमाल करते हुए पुनः विकसित किया गया है इस कारखाने में स्वदेशी मशिने लगाई गयी है लेकिन जिन मशीनों का उत्पादन भारत में नही होता वो मशीनें जापान देश से मँगवाई गयी हैं । ओर ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं के भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी इस कारखाने का उदघाटन आने वाले अक्तूबर महीने में कर सकते हैं । इस कारखाने के अंदर स्कील डेव्लपमेंट सेंटर खोले जाएँगे जिनसे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी विकसित होंगे ।  #SinghBlog

प्रिलिंग टावर क्या होता है ? : तो दोस्तो, आप सब के मन में एक सवाल ये भी होगा के प्रिलिंग टावर आखिर होता क्या है? प्रिलिंग टावर वह होता है , जिसमे ठोस पदार्थों को पिंघला का उनको छोटे – छोटे गोल कणों में परिवर्तित किया जाता है । ओर इस टावर की मदद से गेल कंपनी द्वारा बिछाई गयी पाइप लाइन से आने वाली नेचुरल गैस और नाइट्रोजन के रिएक्सन से अमोनिया का लिक्विड तैयार किया जाएगा ओर अमोनिया के इस लिक्विड को प्रिलिंग टावर में 117 मीटर की ऊंचाई से गिराया जाएगा जिसके लिए टावर के अंदर औटोमेटिक सिस्टम भी तैयार किया गया है । ओर इन नवीन तकनीकों का प्रयोग करते हुए कारखाने में उर्वरक / यूरिया / फर्टिलाइज़र्स खाद का उत्पादन किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार खाद के साथ –साथ इस कारखाने में लगभग 16 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी होगा ।      

प्रिलिंग टावर कुतुब मीनार से दोगुना ऊंचा है :  प्रिलिंग टावर भारत के दिल्ली राज्य में स्थित कुतुब मीनार से भी दो गुना ऊंचा है । आप इस टावर की ऊंचाई का अंदाज़ा इस बात से लगा सकते हैं की  कुतुब मीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर (237.86 फिट ) है और वही प्रिलिंग टावर की ऊंचाई 149.5 मीटर (490.48 फिट) है । यूरिया खाद का दाना जितना छोटा होता है उतना ही जल्दी दाना धरती में घुल जाता है ओर अपना असर दिखाता है । मानकों के अनुसार यूरिया खाद का दाना अब तक 0.3 एमएम का होता है लेकिन इतनी ऊंचाई से प्रोसेस्स करने से इस दाने का आकार 0.2 एमएम का हो जाएगा जिससे इसका उपयोग करने वाले किसान लोगों को इसका असर अपनी फसलों पर जल्दी से देखने को मिलेगा । #SinghBlog

इस जानकारी को अपने दोस्तों से share करना न भूलें , आने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में इस प्रकार की चीज़ें पुछी जा सकती हैं । #SinghBlog

 

Charan Singh

Working with professional groups since 2009 to till date.

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