Milkha Singh – जैसा की आप जानते है “फ्लाइंग सिख” के नाम से मशहूर मिलखा सिंह का निधन 18.06.2021 शुक्रवार को पीजीआई चंडीगढ़ में हो गया है उन्हे कोविड बीमारी के कारण हो रही लो ऑक्सीज़न लेवल के चलते हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ा था । मिलखा सिंह अभी 91 वर्ष के थे । उनका जीवन काफी सघर्ष भरा रहा फिर भी उन्होने अपने जीवन में आने वाली चुनोतीयों को सहर्ष सविकार किया और आगे बढ़ते गए । इस लेख में हम उनको श्राद्धजली अर्पित करते हुए उनके जीवन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं पर चर्चा करेंगे । Milkha Singh के निधन पर भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ओर कई हस्तियों ने भी शोक व्यक्त किया है।
“मिलखा सिंह Early Life : का
जन्म 20 नवंबर 1929 में गोविंदपुरा, पंजाब में हुआ था जो की अब पाकिस्तान में है
। जब मिल्खा सिंह 18-19 वर्ष के थे तब भारत देश अंग्रेज़ो की गुलामी
से मुक्त हुआ ओर भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ । इसी बँटवारे की उथल – पुथल में
मिल्खा सिंह ने अपने माता –पिता अपनी दो बहनों ओर एक भाई को खो दिया ओर मिल्खा सिंह
शरणार्थी बन कर पाकिस्तान से भारत आ रही ट्रेन में बैठकर भारत आ गए ।
लेकिन उन्होने कभी
अपने जीवन में हार को सविकार नही किया इतनी छोटी सी आयु में ही अपने माँ – बाप को खो
देना फिर अपना बसा हुआ घर – बार छोड़ कर दूसरी जगह आकार सेटल होना ये सब चिज़े आसान नही
थी । फिर भी उन्होने पूरी द्र्ड़ता से अपने जीवन को जिया । ओर वे एक खयाती प्राप्त भारतीय
धावक बन कर उभरे उन्होने 200 मीटर ओर 400 मीटर की दौड़ में अपना नाम बनाया ।400 मीटर
दौड़ में उन्होने विश्व रिकोड भी स्थापित किया । उन्होने भारतीय सेना को जॉइन किया ओर
देश रक्षा के साथ –साथ भारतीय एथेलिट बनकर उभरे । www.singhblog.co.in
“फ्लाइंग सीख”
नाम मिलने का सफर सन 1960 के दौर में पाकिस्तान में एक दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन
किया गया जिसमे मिल्खा सिंह जो की अब एक जानी मानी हस्ती बन चुके थे को भी आमंत्रित
किया गया । लेकिन मिल्खा सिंह वहाँ जाने के लिए राजी नही थे फिर उस समय के भारतीय प्रधानमंत्री
जवाहर लाल नेहरू के आग्रह पर मिल्खा सिंह पाकिस्तान जाने के लिए राजी हुए । वहाँ उनका
मुक़ाबला पाकिस्तान के मशहूर रेसर अब्दुल ख़ालिक़ से था । जब पाकिस्तान में वह दौड़ हुई
तो मिल्खा सिंह बहुत ज्यादा स्पीड से दौड़े ओर वहाँ के अब्दुल ख़ालिक़ को हारा दिया ।
मिल्खा सिंह की दौड़ को देखकर ऐसा प्रतीत हो
रहा था के मानो वो दौड़ नही रहे बल्कि उड रहे है ।और उनकी इसी प्रतिभा को देखते हुए
पाकिस्तान के जनरल आयुब खान ने उन्हे “फ्लाइंग सिख” Flying Sikh की उपाधि/ उपनाम दे दिया । ओर मिल्खा सिंह को अब फ्लाइंग सिख के नाम से जाना
जाने लगा ।
मिल्खा सिंह ने कोमनवेल्थ , एशियन गेम्स, ओर राष्ट्रिय गेम्स में अनेकों सवर्ण पदक (Gold Medal) जीते । ओर भारत का नाम रोशन किया उन्होने –
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कार्डिफ में 1958 में हुए कोमनवेल्थ गेम्स में 440 यर्ड्स में
स्वर्ण पदक जीता
·
1958 में टोकियो में हुई एशियन गेम्स में 200
मीटर में सवर्ण पदक ओर 400 मीटर में भी स्वर्ण पदक जीता ।
·
1962 में जकार्ता में हुई एशियन गेम्स में भी 400 मीटर ओर 4x 400 मीटर
रीले में गोल्ड मेडल भारत के नाम किया ।
·
राष्ट्रिय स्तर पर हुई अनेकों गेम्स में मिल्खा सिंह ने अनेकों
स्वर्ण ओर रजत पदक अपने ओर देश के नाम किए । उन्होने सन 1958 में कुट्टक में हुई राष्ट्रिय स्तर की गेम्स में 200 ओर 400 मीटर
रेस में गोल्ड मेडल ओर 1964 में कोलकाता में हुई राष्ट्रिय स्तर की गेम्स में 400 मीटर
में सिल्वर मेडल जीता ।
मिल्खा सिंह को भारतीय सेना में होनोंरेरी केपटन (Honorary Captain) की उपदधि से नवाजा गया ओर भारत सरकार ने मिल्खा सिंह को सन 2001 में पद्म
श्री अवार्ड से नवाजा जो की भारत का चौथा सर्वर्श्रेष्ट नागरिक पुरस्कार है । उन्हे
भारत सरकार से अर्जुन अवार्ड के लिए भी नामित किया था लेकिन मिल्खा सिंह ने ये कह कर
माना कर दिया के ये अवार्ड नए खिलाड़ियों (Young Sports Persons) के लिए होना चाहिए ।
मिल्खा सिंह का परिवार (2012): मिल्खा सिंह अपनी retired लाइफ चंडीगढ़ में जी रहे थे । वे यहाँ अपनी पत्नी निर्मल सैनी (निर्मल कौर) के साथ रहते थे। उनकी शादी निर्मल कौर से सन 1962 में हुई ओर जिनसे उनके तीन बेटियाँ ओर एक बेटा है । उन्होने बाद में एक बेटा अड़ोप्ट भी किया जिसका नाम था हवलदार बिक्रम सिंह जो की Battle of Tiger Hills में शहीद हो गया था।
मिल्खा सिंह की पत्नी भी भारतीय महिला वोलीवाल टीम की कप्तान
रह चुकी हैं । जिनका निधन भी 82 वर्ष की आयु में अभी हाल ही में 13.06.2021 में कोरोना
बीमारी के चलते मोहाली में हो गया था ।
मिल्खा सिंह के पुत्र का नाम जीव मिल्खा सिंह है जो की
भारतीय प्रॉफेश्नल गोल्फर हैं । जोकि यूरोपियन tour में भाग लेने वाले पहले
भारतीय गोल्फर है । जीव मिल्खा सिंह ने 1998 में European Tour में भाग लेकर भारत का नाम रोशन किया। ओर 2006 की आधिकारिक वर्ल्ड गोल्फर रंकिंग
में टॉप 100 में स्थान प्राप्त किया । भारत
सरकार ने जीव मिल्खा सिंह को सन 2007 में पद्म श्री अवार्ड से समान्नित
किया ।
मिल्खा सिंह के जीवन पर आधारित 2013 में एक फिल्म भी बनी है
जिसका नाम है “भाग मिल्खा भाग” इस फिल्म को फिल्म निर्देशक राकेश ओमप्रकाश
मेहरा ने बनाया है । ओर इसमे फरहान अख्तर ने मिल्खा सिंह की
भूमिका निभाई है । फरहान अख्तर के साथ – साथ इस फिल्म में दिव्या दत्ता ओर सोनम कपूर ने भी काम किया
है ।
तो दोस्तो ये थी मिल्खा सिंह flying sikh के बारे
में कुछ बातें आशा करते हैं के आपको ये जानकारी पसंद आई होगी ओर आप सब भी मिल्खा सिंह
के जीवन से प्रेरणा प्राप्त करेंगे । मिल्खा सिंह ने कैसे कठिनाइयों भरा जीवन जिया
और इतनी विपरीत परिस्थितियों से वो कैसे उभर कर आए और एक नाम ओर मुकाम स्थापित किया ।
-थैंक्स
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