Central Government Infra Projects: केंद्र सरकार की 10 प्रमुख परियोजनाएं जिनकी जानकारी होना है आवश्यक !

Central Government Infra Projects: केंद्र सरकार की 10 प्रमुख परियोजनाएं जिनकी जानकारी होना है आवश्यक!

 केंद्र सरकार देश की आधारभूत संरचना (infrastructure) को मज़बूती देने के कार्य में लगी हुइ है। जैसा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019-20 में घोषणा की थी कि अगले पांच वर्षों में बुनियादी ढांचे यानि अवसंरचना पर 100 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। और वहीं देश के प्रधानमंत्री ने भी स्वतंत्रता दिवसपर अपने संबोधन में इस बात पर प्रकाश डाला था कि देश में आधुनिक बुनियादी ढांचे का विकास करने हेतु इस अवधि के लिए 100 लाख करोड़ रुपए की राशि तय की गई है। यह लोगों का जीवन स्तर बेहतर करने के अलावा नए रोजगार अवसरों का सृजन करेगी।

‘NIP’ यानि नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन पूरी तरह से सरकार की ओर से अपनी तरह की पहली कवायद है, जिसका उद्देश्य देशभर में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचागत सुविधाएं प्रदान करना और सभी नागरिकों का जीवन स्तर बेहतर करना है। इसका उद्देश्य परियोजना तैयार करने की व्यवस्था को बेहतर बनाना और बुनियादी ढांचागत क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करना है। Content – PBNS Telegram Group

उम्मीद की जा सकती है कि यह इंफ्रा पाइपलाइन भारत के विकास में मील का पत्थर साबित हो सकती है। इन परियोजनाओं में देश की भीतर 10 प्रमुख परियोजनाएं भी हैं जो देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को और अधिक मजबूती प्रदान करेगी। आइएं जानतें हैं इनके बारे में

 10 प्रमुख परियोजनाएं:

1. नर्मदा घाटी विकास परियोजना

2. नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा

3. चिनाब नदी रेलवे पुल

4. दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा

5. भारतमाला परियोजना

6.मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक:

7. अंतर्देशीय जलमार्ग

8. गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी

9. रेलवे का पूर्वी और पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर

10. हीरा चतुर्भुज परियोजना

नर्मदा घाटी विकास परियोजना: इस परियोजना का बजट करीब 30 अरब डॉलर है और यह सबसे बड़ी नदी विकास योजना होगी। अब तक की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण के उद्देश्य से नर्मदा नदी पर 3,000 बांध बनाए जाने की योजना है।

 

नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा: मुंबई शहर की आपाधापी से दूर, सरकार नवी मुंबई में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की योजना बना रही है। इससे ट्रैफिक में फंसने की संभावना कम होगी और आप अपनी उड़ान मिस नहीं करेंगे। हालांकि भूमि अधिग्रहण के कारण इस परियोजना में थोड़ी देरी हुई है।

 

चिनाब नदी रेलवे पुल: फलती-फूलती चिनाब नदी के ठीक ऊपर एक रेलवे पुल बनाया जा रहा है। चिनाब नदी पर बन रहा है यह पुल दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल होगा। यह पुल करीब 92 मिलियन डॉलर की लागत से तैयार किया जा रहा है जो जम्मू-कश्मीर में है। 1.3 किमी का यह रेलवे पुल कटरा-धरम खंड का हिस्सा होगा जो उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना के अंतर्गत आता है।

 

दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा (डीएमआईसी): यह देश की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। इस परियोजना का अनुमानित खर्च लगभग 90 बिलियन डॉलर है, क्योंकि यह दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर के बीच सभी औद्योगिक हब बिंदुओं के माध्यम से नेविगेट करने के लिए तैयार है, जिसमें 7 राज्य शामिल हैं। यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाने पर भारत की GDP में 25% की वृद्धि होगी। दरअसल, वर्तमान में कार्गो को उत्तर से दक्षिण की ओर स्थानांतरित होने में लगभग 14 दिन लगते हैं। इस लिंक से ट्रांसफर में सिर्फ 14 घंटे लगेंगे। 1,500 किमी लंबा पश्चिमी समर्पित माल ढुलाई गलियारा वाणिज्य को आसान और तेज बना देगा।

 

भारतमाला परियोजना: सरकार के दिमाग से इंजीनियर सड़क परियोजना जिसे भारत के पश्चिम को पूर्व से जोड़ने की योजना है। यानि गुजरात से मिजोरम तक और महाराष्ट्र से पश्चिम बंगाल तक यह सड़क परियोजना कई राज्यों और उद्योगों को जोड़ने में मदद करेगी।

 मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक: मुंबई के पूर्वी उपनगरों को 16.5 किलोमीटर लंबे समुद्री पुल और एक पुल के जरिए मुख्य भूमि से जोड़ने हेतु समुद्री पुल की योजना बनाई गई है। यह शिवडी को ट्रांस हार्बर लिंक प्रॉजेक्ट के माध्यम से मध्य से पूर्वी मुंबई में बंदरगाह के पार न्हावा शेवा के साथ जोड़ने का काम करेगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत 18,000 करोड़ रुपए है।

 अंतर्देशीय जलमार्ग: सरकार बिना किसी देरी के जलमार्गों को वाणिज्य की साइटों से जोड़ने के लिए विकसित करने की योजना बना रही है। गंगा, ब्रह्मपुत्र और महानदी जैसी नदियों पर काम किया जा रहा है। गंगा में जलमार्ग सुविधाओं के विकास के लिए सरकार द्वारा 4,000 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। रुपए की अतिरिक्त राशि के साथ इसकी कनेक्टिविटी पारादीप बंदरगाह से किए जाने की योजना है। इसके विकास में 50,000 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

 गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट): भारत के कारोबारी राज्य को इसके जरिए वो लिफ्ट मिलेगी, जिसकी उसे असल जरूरत है। दरअसल, यह टेक-सिटी स्टार्ट-अप, उद्यमिता और निश्चित रूप से मौजूदा व्यवसायों की सुविधा प्रदान करेगा। साथ ही सुचारू संचार और बातचीत के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी स्थापित की जाएगी। इसके लिए 20 बिलियन डॉलर का बजट है, जिसमें फ्रांसेस ला डेफेंस, टोक्योस शिंजुकु और ब्रिटेन के लंदन डॉकलैंड्स की सहायता ली जाएगी। #SinghBlog  

 रेलवे का पूर्वी और पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर: रेल मंत्रालय ने पूर्वी और पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर सहित संपत्तियों का मुद्रीकरण करने की योजना बनाई है। इसके अंतर्गत पीपीपी (सरकारी निजी कंपनी भागीदारी) के माध्यम से 150 आधुनिक रेक को शामिल करना, पीपीपी के माध्यम से स्टेशन पुनर्विकास, रेलवे भूमि पार्सल, बहुआयामी परिसर (एमएफसी), रेलवे कॉलोनियां, पहाड़ी रेलवे और स्टेडियम तैयार किया जाना है। #SinghBlog  

 हीरा चतुर्भुज परियोजना: डायमंड चतुर्भुज भारत में एक उच्च गति रेल नेटवर्क स्थापित करने के लिए भारतीय रेलवे की एक परियोजना है। डायमंड चतुर्भुज स्वर्णिम चतुर्भुज एक्सप्रेसवे प्रणाली के समान भारत, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई के चार मेगा शहरों को जोड़ेगा। इसके अंतर्गत मुंबई-अहमदाबाद खंड पर चालू होने वाली पहली हाई-स्पीड ट्रेन कॉरिडोर तैयार होगी। Content – PBNS Telegram Group

 आशा है दोस्तो आपको नीट के बारे में दी गयी जानकारी पसंद आई होगी इस जानकारी को अपने दोस्तो से share जरूर करें #SinghBlog  

Charan Singh

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