सरकारी खर्चों का हिसाब कौन रखता हैं ? जाने इस लेख में (CAG- Comptroller and Auditor General of India)

 सरकारी खर्चों का हिसाब कौन रखता हैं ? जाने इस लेख में (CAG- Comptroller and Auditor General of India)

हमारे मन में अक्सर ये ख्याल आता हैं की सरकार जो इतने बड़े –बड़े खर्चे करती है तो इस सब खर्चों का हिसाब कौन रखता होगा । आप सरकार की विभिन्न घोषनाये सुनते हैं के इतने करोड़ – इतने लाख का से ये निर्माण होगा या इस योजना में खर्च किए जाएंगे या इनमे खर्च हो चुके हैं । पर क्या आपको पता है इस पूरे खर्च/काम- काज  का पूरा ब्योरा ओर देख-रेख कौन करता हैं ? इस सब की ज़िम्मेदारी होती है (CAG- Comptroller and Auditor General of India) नियंत्रक और महालेखापरीक्षक  की। www.singhblog.co.in #SinghBlog

CAG का महत्व: CAG नियंत्रक और महालेखापरीक्षक भारत के संविधान में अत्यंत महत्वपूर्ण अधिकारी होता है । यह एक ऐसा अधिकारी होता है जो यह देखता है के संसद के द्वारा पारित खर्चों के अनुरूप ही खर्च हो उसकी सीमा से ऊपर खर्चा न हो । ये के स्वायत संस्था है यानि स्वतंत्र संस्था है इसकी स्वतन्त्रता बनाए रखने के लिए भारत के संविधान में बहुत से प्रावधान किए गए हैं ।

CAG अधिकारी को भारत के राष्ट्रपति की सील और वारंट के साथ नियुक्ति दी जाती हैं । CAG अधिकारी का कार्यकाल 6 साल या फिर 65 वर्ष की आयु के लिए होता है इनमे से जो भी पहले हो उसका अनुसरण किया जाता हैं यदि मान लीजिये अधिकारी की नियुक्ति 60 वर्ष की आयु में हुई किन्तु वो अपने 5 वर्ष के कार्यकाल में ही 65 वर्ष का हो गया तो उसको अपना पद पहले छोडना होगा ।

CAG अधिकारी को उसके कार्यकाल के दौरान हटाना बहुत मुश्किल होता है CAG अधिकारी को राष्ट्रपति के द्वारा संविधान में में अंकित प्रक्रिया के द्वारा ही हटाया जा सकता हैं ओर ये प्रक्रिया वैसी ही होती हैं जैसे की सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने की।

CAG अधिकारी जब अपने पद से सेवानिर्व्त होता है या फिर इस्तीफा देता है तो उसके उपरांत वह अधिकारी किसी भी राज्य सरकार के अधीन किसी भी कार्ययालय का पद गृहण नही कर सकता । www.singhblog.co.in #SinghBlog

Power of CAG officer:

Ø  CAG अधिकारी भारत की संचित निधि और किसी भी राज्य ,केंद्रशशित प्रदेश जिनकी विधान सभा हो, की संचित निधि से जुड़े हुए सभी प्रकार के खातों के खर्चों का निरीक्षण कभी भी करने का अधिकार रखते हैं ।   

Ø  CAG अधिकारी भारत के आकस्मिक् निधि ओर सार्वजनिक खातों के खर्चों का समय- समय पर परीक्षण करता है।

Ø  केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के खर्चो, ट्रेडिंग, बेलेंसशीट आदि का परीक्षण करना भी CAG अधिकारी के अधिकार क्षेत्र में आता हैं ।

Ø  इसके विपरीत यदि राष्ट्रपति या फिर राज्यपाल यदि किसी विशिष्ट खाते या प्राधिकरण का परीक्षण करना चाहें तो वो CAG अधिकारी से करा सकते हैं ।

Ø  इसके अलावा CAG संसद की लोक लेखा समिति के मार्गदर्शक और सलाहकार के रूप में भी कार्य करता है।

Ø  यानि आप मान के चलिये के देशभर में हो रहे सभी सरकारी खर्चों का निरीक्षण करने की ज़िम्मेदारी CAG अधिकारी के पास ही होती है।

वर्तमान समय में भारत के CAG अधिकारी हैं श्री गिरीश चन्द्र मुर्मु , इनहोने ने CAG अधिकारी का कार्यभार 08 अगस्त 2020 को संभाला। मुर्मु जी गुजरात केडर के 1985 बैच के IAS ऑफिसर भी हैं । इसके अलावा इनहोने जम्मू और कश्मीर में लेफ्टिनेंट गवर्नर के रूप में भी कार्य किया हैं मुर्मु जी ने इसके अलावा भी बहुत से ज़िम्मेदारीपूर्ण विभागों का कार्यभार संभाला है।

आशा है के आपको ये जानकारी पसंद आई होगी , आप अपने सुझाव हमें कोमेंट्स के माध्यम से दे सकते हैं । www.singhblog.co.in #SinghBlog            

Charan Singh

Working with professional groups since 2009 to till date.

3 Comments

Thanks for your valuable time..
Singh's Blog

Previous Post Next Post