NEET परीक्षा क्या है ? NEET परीक्षा का पैटर्न क्या है ? NEET से जुड़ी सारी जानकारी पाएँ बस एक क्लिक में

 (NEET- National Eligibility cum Entrance Test)

NEET Exam: नीट परीक्षा क्या होती है ओर इसके क्या फायदे होते हैं?

नीट यानि नेशनल एलिजबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट, जो देशभर के मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए एक पारदर्शी व्यवस्था है। सबको समान अवसर देती नीट परीक्षा ने पिछले कई वर्षों में नामांकन प्रक्रिया की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया है। इसके साथ ही छात्रों की कई समस्याओं का एक साथ ही समाधान हो सका है। कई कॉलेजों के लिए अलग-अलग परीक्षाएं देना और गुणवत्ता को सुनिश्चित करना अब आसान हो गया है। हालांकि इसे लेकर एक दो राज्यों ने अपनी आपत्ती सामने रखीं, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी नीट के पक्ष में अपना फैसला सुनाया है। ऐसे में आइए जानते हैं क्या है नीट, क्यों है जरूरी और छात्रों को क्या है लाभ...

 

 क्या है नीट (What is NEET in Hindi) :

नीट (नेशनल एलिजबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) (NEET- National Eligibility cum Entrance Test) राष्ट्रीय स्तर का एक एंट्रेंस एग्जाम है। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी हर साल नीट परीक्षा का आयोजन कराती है। इस परीक्षा को पास करने के बाद छात्र डॉक्टर बनने के लिए मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेते हैं। इसके जरिए छात्र एमबीबीएस, बीडीएस और आयुष जैसे कोर्सों में एडमिशन लेते हैं। यह एक ऑफलाइन एग्जाम है। इसमें कई क्षेत्रीय भाषाएं भी शामिल की गई हैं। अंग्रेजी, हिंदी, असमिया, बंगाली, गुजराती, मराठी, तमिल, उड़िया, कन्नड़ और उर्दू भाषा के अलावा इस बार पंजाबी और मलयालम नए जोड़े गए हैं। NEET परीक्षा में प्रश्न बहुविकल्पीय आते हैं। 

क्यों पड़ी NEET की जरूरत:

इससे पहले 'एआईपीएमटी' (ऑल इंडिया प्री-मेडिकल टेस्ट) कराया जाता था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में एआईपीएमटी को कदाचार के आरोप में निरस्त कर दिया था। यह परीक्षा देशभर में एक साथ होती थी। इस परीक्षा में आए अंकों के आधार पर ही छात्रों को केन्द्र सरकार द्वारा संचालित मेडिकल संस्थानों में प्रवेश दिया जाता था। लेकिन प्राइवेट मेडिकल कॉलेज और राज्य सरकारें अपने स्तर पर अलग-अलग मेडिकल परीक्षा का आयोजन करते थे। प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के समय धांधली और मनमानी फीस रोकने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। इसके लिए केंद्र की ओर से एक प्रवेश परीक्षा प्रणाली लागू करने का सुझाव दिया जा रहा था। सरकार ने पारदर्शिता, मेडिकल शिक्षा में उच्च मानक स्थापित करने और छात्रों को कई परीक्षाओं के बोझ से बचाने के लिए देश भर के मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए एक परीक्षा आयोजित करने का फैसला लिया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, भारतीय चिकित्सा परिषद और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की सहमति के आधार पर नीट लागू करने का आदेश दिया था ।  #SinghBlog  

NEET के लिए क्या है आयु सीमा :

नीट परीक्षा देने के लिए ऊमीद्वार की आयु 17 वर्ष से 25 वर्ष तक होती है और इसके साथ ही आरक्षित वर्ग के ऊमीद्वारों को इसमे 5 वर्ष की छुट का भी प्रावधान हैं । नीट परीक्षा एक ऊमीद्वार केवल तीन बार ही परीक्षा दे सकता हैं ।

NEET परीक्षा से छात्रों को क्या है फायदा :

अब देश में केवल एक मेडिकल परीक्षा कराई जा रही है और छात्रों को भी अब एक ही परीक्षा की तैयारी करनी होती है। इससे उनके समय और खर्चों में भारी कटौती हुई है। 

नीट परिणाम के आधार पर अब राज्य मेडिकल कॉलेजों में दाखिला लिया जाता है। प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों के नामांकन प्रक्रिया में भी पारदर्शिता आई है। छात्र अपने नीट रैंक के आधार पर राज्यों में अलग से काउंसलिंग कर सकते हैं। यानि अब पहले की तरह उन्हें अलग से एंट्रेंस टेस्ट देने की जरूरत नहीं होती है। 

NEET की वजह से गरीब मेधावी छात्रों को भी मौका मिल रहा:

वहीं नीट के बारे में तमिलनाडु एनटीए, नीट की चीफ ऑब्जर्वर एम रजनी कहती हैं कि नीट देश के उन सभी साइंस बैकग्राउंड के 12वीं पास छात्रों को एक समान अवसर देता है। इसमे कोई भी बोर्ड का सीबीएसई, आईसीएसई, यूपी, महाराष्ट्र, पीपीएसी आदि के सभी छात्रों को एक ही परीक्षा देनी होती है। खास तौर पर गरीब बच्चों के सपनों को पूरा करता है, जो अपनी काबिलियत के बल पर परीक्षा पास करके एडमिशन ले सकते हैं। एम रजनी बताती हैं कि कई बच्चे हैं जो मैनेजमेंट कोटा और महंगी फीस दे कर भी मेडिकल पढ़ाई पढ़ सकते हैं। लेकिन एक आर्थिक स्थिति से कमजोर और मेधावी छात्रों के लिए वरदान हैं। #SinghBlog    

नीट में क्षेत्रीय भाषा में भी परीक्षा:

चिकित्सा शिक्षा के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ. बी. श्रीनिवासन ने बताया कि नीट इसलिए जरूरी है क्योंकि जिस वक्त हमें मेडिकल में एडमिशन लेना था, हमने, एआईपीएमटी के अलावा अन्य कई कॉलेजों और राज्यों में होने वाले एंट्रेंस एग्जाम दिए। कभी यहां तो कभी वहां। लेकिन नीट आने के बाद छात्रों की वो समस्या खत्म हो गई है। देश में करीब 400 से 500 मेडिकल कॉलेज हैं। इसमें 50 प्रतिशत सरकारी और 50 प्रतिशत प्राइवेट हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया है कि सभी कॉलेजों में बच्चों के एडमिशन नीट के जरिए ही होंगे। 

जब पहले अलग-अलग परीक्षाएं होती थीं, तो काफी भ्रष्टाचार और धांधली होती थी। अब केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस दिशा में काफी अहम निर्णय लिए हैं। इसके अलावा एआईपीएमटी में दो ही भाषा में था, अब नीट करीब 12 भाषा में है। 

नीट परीक्षा संरचना और इसका पैटर्न (NEET Exam Pattern):

नीट परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्न पुछे जाते हैं जिसमे भौतिकी, वनस्पति विज्ञान , रसायन विज्ञान प्राणिविज्ञान से प्रश्न आते हैं । इस परीक्षा में नेगेटिव मर्किंग प्रणाली का उपयोग होता है जैसे एक सही जवाब के 4 अंक दिये जाते हैं वहीं यदि जवाब गलत है तो 1 अंक काट लिया जाता हैं । परीक्षा में कुल 4 सेक्सन होते हैं जिसमे प्रत्येक सेक्सन में 45 प्रश्न आते हैं यानि कुल 180 प्रश्न पुछे जाते हैं । परीक्षा का समय 3 घंटे का होता है। नीट परीक्षा में मेरिट लाने वाले ऊमीद्वारों को विभिन्न मेडिकल कॉलेज में कोंस्लिंग के आधार पर चुना जाता है और फिर वे डॉक्टर की ट्रेनिंग पूरी करते हैं ।

  आशा है दोस्तो आपको नीट के बारे में दी गयी जानकारी पसंद आई होगी इस जानकारी को अपने दोस्तो से share जरूर करें #SinghBlog  
Charan Singh

Working with professional groups since 2009 to till date.

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